लेखनी कहानी -03-Sep-2023
चलो उठो-
चलो उठो जरूरी सब काम करो
समय ना बिताओ ना शाम करो
मन का करोगे हुक्म- तौहीन होगी
बहुत किए मन का विराम करो
कर्तव्यों की फेहरिस्त लम्बी है
नाटक की घड़ियाँ नाकाम करो
ऐसे फैसले से दिल दहल जाता है
सोच समझकर बातें सरेआम करो
यहाँ रास्ते में नुकीले कंकड़ बहुत हैं
मगर इन्हें हटाने का इंतजाम करो
मेहनत जाया नहीं जाती है कभी
तुम रब पे भरोसा सुबहो शाम करो
बस कर्तव्य का पथ कभी न छोड़ो
दुआ हम भी करेंगे बहुत नाम करो॥
किरण मिश्रा #निधि#
Gunjan Kamal
04-Sep-2023 05:00 PM
👏👌
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
04-Sep-2023 07:14 AM
बेहतरीन अभिव्यक्ति
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Abhinav ji
04-Sep-2023 07:11 AM
Very nice 👍
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